फूल और हम

तितलियों के आने से
छूट गये फूलों के पसीने-
पर वे परास्त नहीं हुए।
परास्त हुए जा रहे
और हम अपने ही पसीने से

परास्त पसीने
कुछ नहीं कर सकते-
शोर भी नहीं।

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