गांधी

मुझे सभी पाना चाहते हैं
पहले
तुम्हारी माचिस में
जितनी भी कड़ियाँ हैं
उन्हें फेंक दो-
मैं तुम्हें जरूर मिलूँगा।

कोई टिप्पणी नहीं: