पेड़ों की तरह


एक हरा-भरा पेड़ काटना
एक हत्या करने के समान है।
हरे-
हरे
इठलाते पेड़
न जाने कब से खड़े हैं।
वे हमें ठंडी छाँव देते हैं
शुद्ध हवा
हम निहारते हैं
उनकी सुंदरता।

महर्षियों ने पेड़ों को देवता कहा है
पेड़ पूजे जाते हैं
कहते हैं
पेड़ हमें आशीष देते हैं।

वे हमें
फल, फूल और सुगंध भी देत हैं
हमें अपनी ही तरह
इनकी रक्षा करनी चाहिए।

तेज धुप
बारिश
अंधड़ और कड़कती ढंड में पेड़
चुपचाप खड़े रहते हैं(सब कुछ सहते)
तपस्वी बने।
पेड़ बोल नहीं सकते
वे केवल हहराते हैं
हमारे लिए
हम उनका हहराना सुनें।

बड़े निडर होते हैं : पेड़

हम
पेड़ों की तरह
हरे
और
निडर बनें।

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