किताबें पढ़ने से ही
हम सब कुछ नहीं जान-समझ सकते
समझने के लिए
संगत करना भी जरूरी है।
संगत करने के
अनेक मायने होते हैं-
भले-ज्ञानी लोगों का संगत
कीट-पतंगों का संगत
जंगल और पहाड़ों का संगत
नदियों का संगत
झरनों का संगत
संगत से ही हम जान सकते हैं
शब्दों के अर्थ।
संगत से ही खुलते हैं
अंधियार के द्वार।
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