सिनेमा

घर में बैठे-बैठे क्या करोगे, क्या झख मारोगे
चलो आज सिनेमा चलें
क्या बताऊं यार बस कड़की है
क्या नाक में रोते हो यार
अबे चल न
ये देख ।
रद्दी फिलिम है यार
बाबूलाल चले
(दो कलियां)
अबे नइ
प्रभात चलें
(अनाड़ी)
ऊं..........अ....
राजकमल चलें
(डेथ इज क्विक)
नईं ई....ई......ई.....
अच्छा श्याम चलें
(तीसरी कमस)
यस्स,- फर्स्ट क्लास डेढ़ रुपैया
सेकंड ’’ एक रुप्पैया बीस पईसा
थर्ड ’’ बारा आना
अब से सिनेमा नई देखेंगे ।

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